ओसामा बिन लादेन के मौत के बाद कई राज बेपर्दे हो गये। पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को शरण देने बात सामने आ गई तो अमेरिका ने यह साबित कर दिया कि वह अपने दुश्मनों से बदला लेने में कभी पीछे नहीं हटता। मगर इन सब बातों के बाद भी एक बात और समाने आ गई है और वह है अमेरिका का दोगलापन और दोहरा चरित्र। अमेरिका ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर इकतरफा और मनमर्जी कार्रवाई करते हुए 9/11 को अपने देश पर हुए हमले का बदला ले लिया। अगर ऐसी ही कार्रवाई 26/11 के दोषियों के लिये भारत करता है तो अमेरिका उसका साथ नहीं देगा।यह बात सिर्फ दिमागी उपज नहीं है बल्कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने खुद स्वीकार किया है। उनसे पूछा गया कि क्या भारत या दूसरे देश ऐसी कोई कार्रवाई करें तो अमेरिका उनका समर्थन करेगा ? विदेश मंत्रालय प्रवक्ता मार्क टोन ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। इस प्रकार के सवालों के मद्देनजर ही अमेरिका अपने देश पर हुए 9/11 हमले और मुंबई पर हुए 26/11 हमले के बीच कोई भी समानता बताने से बच रहा है।