शनिवार, 27 नवंबर 2010

व्यंग्य

तुझे मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं?
मैं अपने ज्ञान और स्वज्ञान के भरोसे अपने ब्लॉग पोस्टों में, अपने हिसाब से, अपने विचार से, स्तरीय सामग्री ही लिखता हूं. मेरे ये पोस्ट दूसरों को मेरे अज्ञान, अल्पज्ञान से भरे कूड़ा लगते हैं तो इसमें मैं क्या करूं? मैं अपने ब्लॉग में अपने संपूर्ण होशोहवास व ज्ञान के हिसाब से, अपने हिसाब से सही-सही ही लिखता हूँ. दूसरों को ये भले ही गलत लगें. अब मैं दूसरों के हिसाब से तो नहीं लिख सकता. ....क्योंकि ये ब्लॉग मेरा है.

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

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बेनामी ने कहा…

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