एक खबर है, चौंकाने वाली है, गुस्साने वाली है…यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस पहलू से इस खबर को पढ़ते और समझते हैं। मुझे तो यह खबर चुभ गई, इसलिए मैं इसका पुरजोर विरोध करता हंू। सोच रहा हंू कि अगर मेरे पास भी एक कुत्ता होता तो मैं उसका नाम किसके नाम पर रखता। आप भी सोचिए कि क्या यह सही है???
दरअसल मामला है क्रिकेट के गॉड कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से जुड़ा हुआ। हुआ यंू कि एशिया में चल रहे वल्र्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान साउथ अफ्रीका के बॉलिंग कोच विंसेंट बन्र्स ने एक बयान देकर हम सब भारतीयों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह सचिन को सबसे ज्यादा मिस करते हैं…चौंकिए मत..यह हमारा सचिन नहीं बल्कि उनका कुत्ता है। उफ…यह क्या हो रहा है…मेरे क्रिकेट के भगवान के नाम पर ही इस कोच को कुत्ते का नाम सुझाई दिया। अरे अगर रखना ही था तो राजा के नाम पर रखा होता, कलमाडी के नाम पर रखा होता। ऐसे तमाम घोटालेबाज और भ्रष्टाचारी हैं, जिनके नाम पर वह अपने कुत्ते का नाम रख सकते थे, लेकिन…। अब इस खबर का दूसरा पहलू यह है कि एक इंडियन ही बन्र्स को क्यों मिला। अगर रखना ही था तो वह पोंटिंग के नाम पर अपने कुत्ते का नाम रखते या फिर अपने शॉन पोलाक के नाम पर रख लेते। हालांकि बन्र्स ने जब मीडिया की तरेरती आंखे देखी तो उन्होंने बात घुमा दी, बिल्कुल बॉल को स्विंग करने के स्टाइल में। उन्होंने जवाब दिया कि दरअसल वह सचिन के सबसे बड़े फैन हैं, इसलिए अपने कुत्ते का नाम सचिन रखा है। अरे साहब, फैन थे तो अपने बच्चे का नाम सचिन रखते, कुत्ते का क्यों रखा? हम बेचारे, हमारी सरकार भी बेचारी…
हर दिन हम भारतीयों को विदेशियों द्वारा अपमान अब आम हो चला है। कहीं अमेरिका हमारे युवाओं के गले में पट्टे डाल रहा है तो कहीं ऑस्ट्रेलिया में हमारे बेटे सरेआम पीटे जा रहे हैं। सरकार खामोश है…नेता चुपचाप हमारे खजाने को विदेशों में भेजने में व्यस्त हैं, जनता आवाज नहीं उठा रही…कैसे होगा बदलाव? दुनियाभर में भारत के लोकतंत्र को वाहवाही मिलती रही है, हमारे टेलेंट को अमेरिका भी जानता है और चीन भी। इसके बावजूद जिसे जब मौका मिलता है, हमारे नेताजी तक के कपड़े भी उतरवा देता है। आखिर हम कब तक ऐसा ही रुख अख्तियार करते रहेंगे? इन लातों के भूतों को अगर हम बातों से मनाने की कोशिश करते हैं तो यह हमारी सबसे बड़ी मूर्खता है। हमें चाहिए कि हम इस साउथ अफ्रीकन बॉलिंग कोच को जवाब दें ताकि जब वह अपने देश जाए तो उसे यह याद रहे कि हम इंडियंस डॉग नहीं हैं, हम इंसान हैं तो हम हैवानों से निपटना भी जानते हैं। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब एक अंग्रेज यहां आकर हमारे देश की किसी भी हस्ती को अपना फेवरेट बताकर उसके नाम पर अपने कुत्तों, बिल्लियों के नामकरण कर चला जाएगा और हम ऐसे ही मुंह ताकते रह जाएंगे।
हम इंडियन है, हमें इस पर गर्व है…जनहित में प्रचारित…जय हिंद।
4 टिप्पणियां:
nice post badhai deepak ji
SAHI KAHA APNE DINESH JI
Bahut Acchi pst ki hai bahut sundar
But looking to the fact that of late Sachin is playing only for money, Vinsent is not totally wrong. Saching is well fit for continuously playing IPL and he is not fit for WI tour ! Not only Sachin, almost all cricketers are like that .....
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