बस यही की सदियों से विवाह नाम के व्यापर से खरीदी हुई वो वस्तु ,जिसे ता उम्र अपनी तमाम
ज़िन्दगी का किस्त धीरे धीरे और भी रिस्तो में बंध कर चुकाना पड़ता है ,
जिसका कुछ ब्याज बिस्तर पर वसूल होता है,,,,,,,,,,
कुछ रसोई में ......आज भी .अधिकांश पुरुषों के लिए नारी को बस यही तक
का उपयोग माना जाता है ..........
2 टिप्पणियां:
स्त्री के बारे में भी पता है, पह्ले आप अपने ब्लाग का समय ठीक कर दो भाई ये 6 june दिखा रहा है,
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