स्नेहदात्री माँ! आपको मेरे कन्या होने का पता चल गया है और आप मुझ मासूम को जन्म लेने से से रोकने जा रही हैं। यह सुनकर मुझे तो यकी नही नहीं हुआ। भला मेरी प्यारीप्यारी कोमल ह्रदया मां ऐसा कैसे कर सकती है? कोख में पल रही अपनी लाडली के सुकुमार शरीर नश्तरों की चुभन एक मां कैेसे सह सकती है?
पुण्यशीला माँ! बस, आप एक बार कह दीजिये के यह जो कुछ मैने सुना है वह सब झूठ है। दरअसल यह सब सुनकर मै दहल सी गई हँूं। मेरे तो हाथ भी इतने कोमल है कि इनसे डाक्टर की क्लीनिक की तरफ जाते वक्त आपकी चुन्नी ज़ोर से नहीं खींच सकती ताकि आपको रोक लूँ। मेरी बांह भी इतनीपतली और कमजोर है कि इन्हें आपके गले में डालकर लिपट भी नहीं सकती।
मधुमय माँ! मुझे मारने के लिये आप जो दवा लेना चाहती हैं वह मेरे नन्हें से शरीर को बहुत कष्ट देंगी। स्नेहमयी माँ! उससे मुझे दर्द होगा। आप तो देख भी नहीं पायेंगी कि वह दवाई आपके पेट के अन्दर मुझे कितनी बेरहमी से मार डालेगी।
1 टिप्पणी:
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