10मार्च 1957 को रियाध, सउदी अरब में एक धनी परिवार में जन्मे ओसामा बिन लादेन, अल कायदा नामक आतंकी संगठन के प्रमुख थे. यह संगठन 9 सितंबर 2001 को अमरीका के न्यूयार्क शहर के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के साथ विश्व के कई देशों में आतंक फैलाने और आतंकी गतिविधियां संचालित करने का दोषी है.
रविवार डॉट कॉम के अनुसारसऊदी अरब में एक यमन परिवार में पैदा हुए ओसामा बिन लादेन ने अफगानिस्तान पर सोवियत हमले के ख़िलाफ़ लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए 1979 में सऊदी अरब छोड़ दिया. अफगानी जेहाद को जहाँ एक ओर अमरीकी डॉलरों की ताक़त हासिल थी वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब और पाकिस्तान की सरकारों का समर्थन था. मध्य पूर्वी मामलों के विश्लेषक हाज़िर तैमूरियन के अनुसार ओसामा बिन लादेन को ट्रेनिंग सीआईए ने ही दी थी.
अफ़ग़ानिस्तान में उन्होंने मक्तब-अल-ख़िदमत की स्थापना की जिसमें दुनिया भर से लोगों की भर्ती की गई और सोवियत फ़ौजों से लड़ने के लिए उपकरणों का आयात किया गया.
अमरीकी सैनिकों द्वारा पाकिस्तान में उनके मारे जाने के बाद अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को याद करते हुये कहा कि जैसा बुश ने कहा था हमारी जंग इस्लाम के खिलाफ नहीं है. लादेन को पाकिस्तान में इस्लामाबाद के एक कंपाउंड में मारा गया. एक हफ्ते पहले हमारे पास लादेन के बारे में पुख्ता जानकारियां मिल गई थीं. उसने बाद ही कंपाउंड को घेरकर एक छोटे ऑपरेशन में लादेन को मार गिराया गया.
बराक ओबामा ने कहा कि लादेन ने पाक के खिलाफ भी जंग छेड़ी थी. हमारे अधिकारियों ने वहां के अधिकारियों से बात कि और वह भी इसे एक ऐतिहासिक दिन मान रहे हैं. यह 10 साल की शहादत की उपलबधि है. हमने कभी भी सुरक्षा से समझौता नहीं किया. अल कायदा से पीड़ित लोगों से मैं कहूंगा कि न्याय मिल चुका है.
9/11 के हादसे को याद करते हुये बराक ओबामा ने कहा कि इस घटना में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, हम उनके नुकसान को नहीं भूले हैं. आज रात एक बार फिर एकजुट हो जाएं. अमरीका जो ठान ले वह कर सकता है. पैसे और ताकत से नहीं बल्कि एकजुटता ही हमारी शक्ति है.
पाकिस्तान में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अभियान में मारे गए अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के पहचान की विधिवत पुष्टि के लिए अमेरिका ने उसका डीएनए परीक्षण कराया है।
अमेरिकी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मारे गए व्यक्ति के लादेन ही होने की पुष्टि के लिए डीएनए नमूने लिए गए हैं, लेकिन इसके नतीजे के लिए अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा। इसके अलावा लादेन के बारे में किसी भी तरह के शक के खात्मे के लिए चेहरे का मिलान करने वाली अत्याधुनिक फेशियल रिकाग्निशन तकनीक का भी सहारा लिया गया है।
पाकिस्तान सोमवार को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए विशेष अमेरिकी बलों के अभियान से पल्ला झाड़ता दिखा। प्रशासन ने यह कहते हुए इससे खुद को अलग कर लिया कि एबटाबाद का अभियान अमेरिकी खुफिया विभाग द्वारा संचालित अभियान था।
लेकिन एक सरकारी बयान में कहा गया है कि लादेन की मौत दुनियाभर में आतंकवादी संगठनों के लिए एक बड़ा सदमा है। विदेश विभाग की प्रवक्ता तहमीना जांजुआ ने कहा कि खुफिया बलों द्वारा संचालित अभियान में लादेन सोमवार तड़के एबटाबाद में मारा गया।
उन्होंने कहा कि यह अभियान अमेरिकी बलों द्वारा अमेरिका की घोषित नीति के अनुसार चलाया गया जो कहती है कि दुनिया में जहां कहीं भी वह पाया गया, अमेरिकी बल उसे सीधी कार्रवाई में मार गिराएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा लादेन के मारे जाने की अपने टेलीविजन संबोधन में घोषणा किए जाने के कुछ घंटे बाद जांजुआ ने कहा कि अलकायदा प्रमुख की मौत आतंकवाद के खात्मे के प्रति पाकिस्तान सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह दुनियाभर में आतंकवादी संगठनों को एक करारा झटका है।
जांजुआ ने कहा कि यह पाकिस्तान की घोषित नीति है कि वह किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं करने देगा। पाकिस्तान का राजनीतिक नेतृत्व, संसद, सरकारी प्रतिष्ठान तथा पूरा राष्ट्र आतंकवाद को समाप्त करने की अपने संकल्प के लिए प्रतिबद्ध है।
जांजुआ ने कहा कि राष्ट्रपति ओबामा ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को अमेरिकी सफल अभियान के बारे में फोन कर जानकारी दी जिसकी परिणति लादेन की मौत के रूप में हुई। प्रवक्ता ने इस बात को स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अमेरिका समेत कई खुफिया एजेंसियों के साथ बेहद प्रभावी खुफिया सूचना साझेदारी प्रबंधन रहा है और वह आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को समर्थन देना जारी रखेगा।
जांजुआ ने कहा कि अल कायदा ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा था। अलकायदा समर्थित सैंकड़ों आतंकवादी हमलों के करण हजारों निर्दोष पाकिस्तानी पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए। पिछले कई सालों में आतंकवादी हमलों में करीब 30 हजार पाकिस्तानी नागरिक मारे जा चुके हैं।
अल कायदा तथा अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ अभियान में पांच हजार से अधिक
पाकिस्तानी सुरक्षा तथा सशस्त्र बलों के अधिकारी मारे गए हैं।
अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के अमेरिकी अभियान में मारे जाने के बाद उसकी दो पत्नियोंतथा चार बच्चों को हिरासत में ले लिया गया है।
.2स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि दो महिलाओं तथा चार बच्चों को परिसर से बाहर ले जाया गया है। उन्हें लादेन की पत्नी तथा बच्चे बताया जा रहा है।
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अल कायदा सरगना तथा अमेरिका में 9/11 आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा गया। वह पाकिस्तान के एबोटाबाद की एक हवेली में पिछले 5 साल से रह रहा था।
पिछले पांच साल में पाकिस्तान तथा अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके पीछे ओसामा का शातिर दिमाग ही था। उसने अपनी इस हवेली में न तो टेलीफोन कनेक्शन लिया था, और न ही इंटरनेट तथा कोई अन्य इलेक्ट्रोनिक साजो-समान। यहां तक कि इस बड़ी हवेली में बिजली का कनेक्शन भी नहीं था।
वह बाहर की दुनिया से मात्र कूरियर के जरिए संपर्क करता था। इसी के जरिए वह अपने संगठन के अन्य लोगों के साथ संचार का आदान-प्रदान करता था। घर के कचरे को भी फेंका नहीं जाता था, बल्कि घर में ही उसे जला दिया जाता था।
लेकिन ओसामा की इसी चालाकी ने खुफिया एजेंसियों को शक करने पर मजबूर कर दिया। पाकिस्तान के बेहद खूबसूरत जगह एबोटाबाद के पॉश इलाके में रहने के बावजूद हवेली में आधुनिक साजो-समान का न होना ही शक का अहम कारण बना। उसके सूचना पहुंचाने वाले व्यक्ति का पीछा करते हुए ही लादेन तक पहुंचा जा सका। उस सूचना पहुंचाने वाले व्यक्ति की जानकारी 9/11 आतंकी हमले के बाद पकड़े गए एक आतंकवादी ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को दी थी।
एक खुफिया अधिकारी ने बताया कि उस हवेली पर हमारी नजर बहुत पहले से थी और हमें यह यकीन था कि उसमें कोई बड़ा आतंकवादी रह रहा है, लेकिन लादेन के होने की सूचना बाद में जाकर पक्की हो पाई।
यह हवेली 2005 में बनाई गई थी। जिस वक्त यह हवेली बनी थी, उस वक्त यह एक कच्ची सड़क के अंत में पड़ती थी। लेकिन बाद में जाकर पिछले 6 सालों मे इसके आस-पास कई घर बन गए। इस इलाके में पाकिस्तान के रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों के काफी मकान हैं।
खुफिया एजेंसियों के मन में कई सवाल उठेः-
- आखिर ऐसे पॉश इलाके में बिना बिजली के कोई हवेली में कैसे रह सकता है?
- हवेली में टेलीफोन तथा इंटरनेट जैसे इलैक्ट्रोनिक गैजेट्स क्यों नहीं रखा गया है?
- आखिर आधुनिकता से दूर अलग-थलग इस हवेली में कौन रह रहा है?
- कोई घर से बाहर क्यों नहीं निकलता है, यहां तक कि हवेली से कोई कचरा भी नहीं निकाला जाता है?
इन्हीं सब सवालों को ध्यान में रखते हुए, जब खुफिया एजेंसियों ने अपना जाल बिछाया तो उन्हें यह पता लगने में देर नहीं लगी कि इस हवेली में कोई और नहीं बल्कि दुनिया का आतंकवादी नंबर-1 ओसामा बिन लादेन अपने परिवार के साथ रह रहा है।
खुफिया जानकारी की पुष्टि होते ही अधिकारियों ने प्रेसिडेंट ओबामा से कार्रवाई की आज्ञा मांगी और ओबामा ने भी बिना देर लगाए, कार्रवाई को हरी झंडी दे दी। अमेरिकी कमांडो की एक छोटी सी टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे गोली मार दी।
इस हमले में ओसामा का बड़ा बेटा भी मारा गया। इसके साथ ही उसकी दो बीवियों तथा 6 बच्चों को गिरफ्तार कर लिया।
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