उसके होने से ही
पावन है घर-आँगन,
उसकी चंचल चितवन
मोह लेती हम सबका मन,
पावन है घर-आँगन,
उसकी चंचल चितवन
मोह लेती हम सबका मन,
वो रूठती
तो रुक जाते हैं
घर के काम सभी,
वो हँसती
तो झर उठते हैं
हरसिंगार के फूल,
महक उठता है
घर का कोना-कोना,
जाने कैसे हैं वे लोग
जो बेटियों को
जन्मने ही नहीं देते
हम तो सह नहीं सकते
अपनी बेटी का
एक पल भी घर में न होना .
हरसिंगार के फूल,
महक उठता है
घर का कोना-कोना,
जाने कैसे हैं वे लोग
जो बेटियों को
जन्मने ही नहीं देते
हम तो सह नहीं सकते
अपनी बेटी का
एक पल भी घर में न होना .
2 टिप्पणियां:
betiyan aisi hi hoti hai.
It's obviously what I am looking for , very great information , cheer!
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