क्या शादियां तोड़ रहा है फेसबुक!?
आजकल हर वो व्यक्ति जो इन्टरनेट को मनोरंजन का साधन समझाता है और उसे अपने जिंदगी का अभिन हिसा मन रखा हैं | है ये बात उन लोगो पे सटीक बताती है की
क्या शादियां तोड़ रहा है फेसबुक!? इस २१सवि सदी में बहुत कुछ बदल चूका है आज इस युग में इन्टरनेट के बिना हर कम अधुरा समझा जाता है पर शायद ही किसी ने सोचा होगा की इस का बुरा असर भी पड़ सकता है |
यदि आपको लगता है कि सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक फ्रैंड्स और फैमिली के साथ संपर्क में रहने के लिए बेहद अच्छा जरिया है तो आप गलत हैं। यह जानकर आश्चर्य होगा कि फेसबुक तलाक के मामलों को महामारी की तरह फैला रहा है।
सोशल नेटवर्किग साइट पर चल रही इश्कबाजी शादियां टूटने का प्रमुख कारण बन रहा है। इससे शादी टूटने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। वकीलों ने दावा किया है कि पिछले एक साल में उनके पास तलाक के जितने मामले आए हैं, हर केस में फेसबुक की वेबसाइट शामिल है। यह बड़ी समस्या बनकर उभरा है। एक विशेषज्ञ ने कहा कि उन्होंने बीते नौ महीनों में 30 मामले हैंडल किए हैं और सभी में फेसबुक का पेंच कहीं न कहीं शामिल है।
एक अन्य ऑनलाइन लॉ कंपनी ने कहा कि पिछले साल दाखिल की गई पांच में से एक डिवोर्स याचिका में फेसबुक का जिक्र था। हार्ट स्केल्स एंड हॉजस सॉलिसिटर फैमिली लॉ की हेड एम्मा पटेल ने कहा कि रिश्तों के टूटने में फेसबुक "वर्चुअल थर्ड पार्टी" के रूप में काम कर रहा है।
टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट में एम्मा के हवाले से कहा गया "शादियां टूटने के बढ़ते मामलों के लिए फेसबुक जिम्मेदार है। यह ध्यान देने की बात है कि मई से अभी तक दाखिल की गई अर्जियों में शादी टूटने के कारणों में फेसबुक का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि अपने पार्टनर पर संदेह करने वाले पति-पत्नी इस साइट का इस्तेमाल जासूसी और फ्लर्टिग के सबूत ढूंढने के तौर पर करते हैं। यही सब चीजें ब्रेक-अप के मामलों को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर तलाक के मामले पार्टनर के फेसबुक वाल पर फ्लर्टी मैसेज या फिर आपत्तिजनक चैट देखने के बाद ही आते हैं।
एक अन्य ऑनलाइन लॉ कंपनी ने कहा कि पिछले साल दाखिल की गई पांच में से एक डिवोर्स याचिका में फेसबुक का जिक्र था। हार्ट स्केल्स एंड हॉजस सॉलिसिटर फैमिली लॉ की हेड एम्मा पटेल ने कहा कि रिश्तों के टूटने में फेसबुक "वर्चुअल थर्ड पार्टी" के रूप में काम कर रहा है।
टेलीग्राफ में छपी रिपोर्ट में एम्मा के हवाले से कहा गया "शादियां टूटने के बढ़ते मामलों के लिए फेसबुक जिम्मेदार है। यह ध्यान देने की बात है कि मई से अभी तक दाखिल की गई अर्जियों में शादी टूटने के कारणों में फेसबुक का भी उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि अपने पार्टनर पर संदेह करने वाले पति-पत्नी इस साइट का इस्तेमाल जासूसी और फ्लर्टिग के सबूत ढूंढने के तौर पर करते हैं। यही सब चीजें ब्रेक-अप के मामलों को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकतर तलाक के मामले पार्टनर के फेसबुक वाल पर फ्लर्टी मैसेज या फिर आपत्तिजनक चैट देखने के बाद ही आते हैं।
नजरिया २
'फेसबुक' को सोशल नेटवर्किंग साइट कहा जाता है। लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के कारण इस वेबसाइट की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। लेकिन 'अमेरिकन एकेडमी ऑफ मैट्रीमोनियल लॉयर्स' की ओर से हुए एक नए सर्वे में पाया गया है कि इन दिनों फेसबुक लोगों को तलाक लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सेलीब्रिटी भी इससे अछूते नहीं है। हाल ही में अभिनेत्री इवा लांगोरिया ने बास्केट बाल खिलाड़ी अपने पति टोनी पार्कर से तलाक ले लिया। इवा ने टोनी पर 'फेसबुक' पर एक महिला के साथ सम्पर्क रखने का आरोप लगाया था।
सर्वे में तलाक दिलाने वाले करीब 80 फीसदी वकीलों का कहना है कि लोगों ने अपने साथी से अलग होने के लिए सोशल मीडिया पर की गई उनकी बेवफाई को एक साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया है। यहां तलाक के हर 5 मामलों में से एक मामला 'फेसबुक' से जुड़ा है।
इसमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो फेसबुक के माध्यम से बिछुड़ी हुई प्रेमिका से मिल गए हैं। तलाक के सबसे ज्यादा मामले फेसबुक 66 प्रतिशत, माईस्पेस 15 प्रतिशत, ट्विटर 5 प्रतिशत और 14 प्रतिशत अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों से जुड़े हैं।
वेबसाइट 'डाइवोर्स ऑनलाइन' के प्रबंध निदेशक मार्क कीनन का कहना है कि सोशल साइटों पर अनुचित और आपत्तिजनक बातचीत तलाक का मुख्य कारण है।
सर्वे में तलाक दिलाने वाले करीब 80 फीसदी वकीलों का कहना है कि लोगों ने अपने साथी से अलग होने के लिए सोशल मीडिया पर की गई उनकी बेवफाई को एक साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया है। यहां तलाक के हर 5 मामलों में से एक मामला 'फेसबुक' से जुड़ा है।
इसमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो फेसबुक के माध्यम से बिछुड़ी हुई प्रेमिका से मिल गए हैं। तलाक के सबसे ज्यादा मामले फेसबुक 66 प्रतिशत, माईस्पेस 15 प्रतिशत, ट्विटर 5 प्रतिशत और 14 प्रतिशत अन्य सोशल नेटवर्किंग साइटों से जुड़े हैं।
वेबसाइट 'डाइवोर्स ऑनलाइन' के प्रबंध निदेशक मार्क कीनन का कहना है कि सोशल साइटों पर अनुचित और आपत्तिजनक बातचीत तलाक का मुख्य कारण है।
1 टिप्पणी:
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